alif laila ki kahani

ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA

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By Mr-Mimu

ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA

Mr-Mimu

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ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA

ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA ME हम आगे की कहनी पढ़ेंगे इससे पहेले हुमने देखा के किस तरह मालिका बदशा को धोका देती है और बादशाह उसे मौत के घाट उतार देता और गाँव की लड़कियों से रोज एक से शादी कर के रोज एक लड़की को खतम कर देता है । फिर वजीर की बेटी उससे शादी के लिए कहती है वजीर अपनी बेटी को रोकने की कोशिश करता है मगर बेटी शहजाद अपनी मुल्क की बेटियों को बचाने के लिए बादशाह से शादी करने का जिद्द करती है और अपने बाप को माना लेती है । अगर आपने इससे पहेले की कहानी नहीं सुनी तो आप Alif LAILA kahani shahezaad aur shaheryaar part 2 क्लिक कर के पढ़ सकते है

ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA

ALIF LAILA KI KAHNI SHAHZAD KE SATH BADHSHA

शादी वाले दिन शहजाद ने अपनी छोटी बहन दुनियाज़ाद को अपने पास बुलाया और उससे कहा के मैं आज सभी लड़कियों को इस मुसीबत से बचाने के लक्ष्य से जा रही हूँ तुम्हें भी किसी बहाने से वहाँ बुलाऊँगी । जब थोड़ी रात बाकी रह जाएगी तुम मुझे कहानी सुनने के लिए कहना और जिद्द करना । और शहजाद ने शाहेरयार से शादी करली । जब रात को बादशाह ने शहजाद को देखा तो उसकी सुंदरता पर उसे बहुत प्रेम आया मगर उसकी प्रतिज्ञा ने उसके मन से वो प्रेम को छुपा दिया ।

और जब बादशाह ने शहजाद के पास आने की कोशिश की मगर शहजाद ने रोना शुरू कर दिया । बादशाह ने रोने का कारण पूछा तो शहजाद ने कहा के मुझे पता है सुबह आप मुझे मार देंगे । इसलिए मैं चाहती हूँ के मेरी छोटी बहन को पास बुला लूँ और जी भर कर देख लूँ ।बादशाह ने कहा ठीक है मैं तुम्हारी बहन को बुलाने के लिए भेजता हूँ और कुछ देर मे शहजाद की छोटी बहन दुनियानाज़ कमरे मे आगई और दोनों बहेने बाते करने लागि । आधी रात गुजर जाने के बाद छोटी बहन ने शहजाद से कहा के मुझे कहानी सुनना है । सुबह न जाने क्या हो मैं आखरी बार तुम्हारे मू से कहानी सुनना चाहती हूँ ।

शहजाद ने बादशाह से कहा के अगर आप इजाजत दे तो क्या मैं एक कहानी सुना सकती हूँ । बादशाह कहानियाँ सुननने का बहुत शौकीन था उसने कहा इजाजत देदी शहज़ादी ने कहानी सुनना शुरू की

सौदागर और जिन की कहानी

पहेले जमाने मे एक सौदागर रहता था जो बहुत धनी था और एक दिन वो किसी काम के लिए सफर कर रहा था । रास्ते मे एक पेड़ देख कर वो जरा विश्राम करने के लिए लेट गया और फिर वहाँ बैठ कर खाना खाने लगा अभी उसका खाना पूरा भी नहीं हुआ था के एक बहुत खतरनाक शक्ल का जिन हाथ मे तलवार लिए वह आया और सौदागर से कहा के तूने जो खजोर खाया और उसकी गुठली से मेरा बेटा मार गया । अब मैं तुझे कत्ल करूंगा सौदागर जिन को देख कर घबरा गया और कहने लगा के आप मुझे एक वर्ष का वक्त देदो ताके मैं अपने कर्ज को खतम कर के वापस आजाऊँगा फिर आप मुझे मार देना । जिनने उसकी बात मान ली ।

सौदागर ने वापस आकार वादे के मुताबिक सारे कर्ज को चुकाया और दौलत का हिस्सा कर के एक साल बाद अपने बीवी बच्चों को छोड़ कर वापस उसी पेड़ के नीचे आके बैठ गया । उसे बैठे हुए कुछ ही क्षण गुजरे थे के एक बूढ़ा आदमी एक हिरण लेकर वह आया और सौदागर से पूछा के आप इस जंगल मे क्या कर रहे है सौदागर ने अपने साथ हुए सारे किस्से को बात दिया । बुड्ढे ने कहा के जब तक तुम्हारा अंजाम देख न लूँ मैं यही बैठा रहूँगा ।

थोड़ी देर बाद एक शकस हाथ मे 2 कुत्ते लिए वहाँ आया उसने भी सौदागर से वही सवाल किया और सौदागर ने उसे भी अपना किस्सा सुना दिया और वो भी वही बैठ गया । उसके बाद एक आदमी हाथ मे एक खच्चर लेकर वहाँ आगया और वो भी वहीं रुक गया

सब बातों मे व्यस्त थे इतने मे सामने से हवा मे धमाका हुआ और वही जिन हाथ मे तलवार लिए आया और कहने लगा आज तुम्हारी मुद्दत खतम हुई आज मैं तुम्हें कत्ल कर दूंगा । सौदागर रोने लगा तो हिरनी वाले बुड्ढे ने आगे आकार जिन से कहा के जीनों के बादशाह मेरी और इस हिरण की कहानी बहुत अजीब है अगर आप को मैं वो बताऊँगा अगर आप को मेरी कहानी पसंद आई तो आप सौदागर का एक हिस्सा खून माफ कर देना । जिन ने मंजूर कर लिया

बुड्ढे और हिरण की कहानी

बुड्ढे ने कहा के ये हिरनी मेरे चाचा की लड़की और मेरी बीवी है । इससे मेरी शादी 40 साल पहले हुई थी । कई वर्ष गुजरने के बाद भी जब इससे मुझे कोई बच्चा नहीं हुआ तो मैंने एक लौंडी (एक उपपत्नी) खरीदी । जिससे मुझे एक लड़का हुआ । पंद्रह वर्ष तक हम बहुत प्रसन्न और खुश रहे । एक दिन मुझे सफर मे जाना पडा मैंने लड़के और लौंडी को अपने बीवी के पास रख दिया और सफर पर चला गया । मगर मेरे जाने के बाद मेरी बीवी ने जादू से मेरी लौंडी को गाय और मेरे बेटे को बछड़ा बना दिया । और बेच दिया

मैं सफर से वापस आया तो इसने कहा के लौंडी का देहांत हो गया उसके गम मे बच्चा न जाने कहा भाग गया मैंने अपने बेटे को बहुत ढूंढ मगर मुझे नहीं मिला । इसी मे बकरा ईद आगाई और मैंने ईद के लिए गाय खरीदी मेरी किस्मत से वो गाय वही थी जो मेरी लौंडी थी और वही बछड़ा था जिस वक्त मैंने गाय को काटने के लिए लाया उसके आँखों मे आँसू आगया और मैंने कसाई से कहा के गाय को छोड़ दो मगर मेरी बीवी ने जबरदस्ती उसकी कुर्बानी कर दी । अब बछड़ा को भी कुर्बानी के लिए लाया । उसने भी बहुत रोया और मेरे पैरों को चाटने लगा । मुझे बहुत प्रेम आया मैंने कसाई से कहा के इसे छोड़ दो मगर मेरी बीवी ने काटने की जिद्द की मगर मैंने नहीं माना । कुछ दिन बाद एक दिन एक आदमी मेरे पास आया और मुझ से कहा के मेरी बेटी जादू जानती है । जो बछड़ा आप ने छोड़ दिया था मैं वो घर ले गया था और मेरी बेटी ने कहा के ये बछड़ा एक लड़का है जिसको जादू से बछड़ा बना दिया गया है । और इसकी मा भी गाय बना दी गई थी जो ईद के दिन कट गई ।

ये सुन कर मुझे बहुत तकलीफ हुई और मैं बहुत रोया सदमे को संभाल कर मैं पड़ोसी के घर आया और उस लड़की से कहा के बेटी तुम मेरे बेटे को क्या वापस इंसान बना सकती हो ? अगर तुम ने ऐसा कर दिया तो मैं तुम्हें इतनी दौलत दूंगा के ज़िंदगी भर किसी चीज की कमी नहीं होगी उस लड़की ने कहा मुझे दौलत की जरूरत नहीं मेरी 2 शर्ते है । मैंने कहा के बताओ क्या शर्ते है मैं सब मानने को तयार हूँ । लड़की ने कहा के मैं आप लड़के को इंसान बना दूँ तो आप इससे मेरी शादी मंजूर कर लेना और दूसरी शर्त ये है के जिसने औरत ने इसको बछड़ा बनाया है मैं उसे सजा दूँगी । मैंने दोनों शर्ते मान लिया । लड़की ने पानी मे कुछ मंत्र पढ़ कर फूँक और मेरे बेटे के ऊपर डाल दिया मेरा बेटा तभी इंसान बन गया मैंने उसे गले लगा लिया और उस लड़की से मेरे बेटे की शादी कर दी और उस लड़की ने मेरे बीवी को जादू से हिरण बना दिया ये वही हिरण है जिसको लेकेर यह से गुजर रहा था के सौदागर को यह बैठे देखा और उसकी दास्तान सुनी । और यही रुक गया । उम्मीद है के आप को मेरी कहानी पसंद आई होगी और आप इस सौदागर का एक हिस्सा खून माफ कर देंगे । जिन ने सौदागर एक हिस्सा खून माफ करदिया ।

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