पिछले हिस्से मे आप ने पढ़ के सौदागर को बचाने के लिए दोनों मुसाफिर ने अपनी अपनी काथा सुनाई जिससे जिन ने सौदागर का खून का हिस्सा माफ किया । alif laila ki kahniyan | khacchar wala musafir ki kahani और पास मे एक खच्चर वाला मुसाफिर भी बैठ था । उसने भी जिन से कहा के अगर मैं आप को मेरी काथा सुनाऊँगा तो क्या आप सौदागर का बच हुआ खून माफ कर देंगे ?
alif laila ki kahniyan | khacchar wala musafir ki kahani
एक मुसाफिर ने कहानी सुनना शुरू की ये जो खच्चर आप देख रहे हो ये मेरी बीवी है । मैं एक बार सफर गया और 1 वर्ष बाद वापस आया तो देखा के मेरी पत्नी मेरे गुलाम के साथ अय्याशी मे व्यस्त है और जब मैं आया तो मेरी पत्नी ने मुझे देख लिया मेरा खून गुस्से से जोश मरने लगा इससे पहेले के मैं कुछ करता मेरी बीवी ने अंदर से पानी लाकर कुछ पढ़ कर उसपर फूँक कर मेरे ऊपर पानी फेक दिया जिससे मैं कुत्ता बन गया और फिर मुझे मार कर घर के बहार निकाल दिया ।
मैं एक घर से दूसरे घर घूमता रहा और फिर सुबह मे एक कसाई की दुकान पर जा कर खड़ा हो गया । कसाई ने मुझे कुछ छिछड़े और हड्डियाँ आगे डाल दिया मैंने वो खा लिया अब मैं रोज उस कसाई की दुकान पर जा कर खड़ा हो जाता वो मुझे खाने को डाल देता और मैं खा कर सो जाता । एक दिन मैं कसाई के साथ उसके घर गया तो कसाई की लड़की ने मुझे देख कर पर्दा कर लिया ।
और फिर अपने पिता से कहने लागि के आप एक ना महेरम को घर लेके क्यूँ आए कसाई ने इधर उधर देखा और कहा के यह तो कोई न महेरम आदमी नहीं है ? लड़की ने कहा के ये जो कुत्ता आप साथ ले कर आए वो एक इंसान है जिसकी बीवी ने उसे कुत्ता बना दिया है । कसाई को मेरा हाल सुन कर बहुत दया आई उसने अपनी बेटी से कहा के क्या तू इसे वापस इंसान बना सकती है ? ये सुन कर लड़की ने पानी पर कुछ पढ़ कर फूँक और वो पानी मेरे ऊपर डाल दिया । मैं वापस इंसान बन गया और उस लड़की और कसाई का धन्यवाद कहा और लड़की से कहा के क्या कोई ऐसा मंत्र है जिस को पढ़ कर मैं अपनी पत्नी को सजा दे सकूँ ? लड़की ने कहा के हाँ जरूर मैं आप को एक पानी पर पढ़ कर फूँक दूँगी जब बीवी सोई रहे तो आप ये पानी उसपर डाल देना आप जिस जानवर का नाम लेगी आप की पत्नी वो जानवर बन जाएगी
घर आकार मैंने चुपके से वो पानी मेरे बीवी पर डाल दिया और कहा के फौरन खच्चर बन जा मेरी बीवी फौरन खच्चर बन गई और कोई इसे वापस इंसान ना बना दे इसलिए तबसे इसे मैं अपने पास रखता हूँ ये सुन कर जिन ने सौदागर का खून माफ करदिया