आप लोगों ने पढ़ के किस तरह जिन ने हिरनी और बुड्ढे की कहानी सुन कर सौदागर के खून का एक हिस्सा माफ किया था ये ये सुनने के बाद पास बैठे एक आदमी जिसके हाथ मे 2 कुत्ते जंजीर के साथ बंधे थे । अगर आपने अब तक Alif Laila ki kahani का कोई हिस्सा नहीं पढ़ है तो आप Alif Laila ki kahaniको यह क्लिक कर के पढ़ लो ।
alif laila ki kahani part 4 कुत्तों के मालिक की कहानी
जिन के पास अकर कुत्ते के मालिक ने कहा के अगर आप इजाजत दे तो मैं अपनी कहानी सुनना चाहता हूँ जो मेरे हाथ मे कुत्ते है ये कहानी इनके ही बारे मे है मगर जिन बादशाह आप मुझे यकीन दिलाए के सौदागर का एक हिस्सा खून का माफ कर दीजिए । और उसने कहानी सुनना शुरू किया ।
असल मे ये दोनों कुत्ते मेरे भाई है जब मेरे पिता का देहांत हुआ तो हम तीनों भाइयों को पाँच पाँच हजार दिनार विरासत मे मिले मैंने इन पैसों से अपना कारोबार शुरू किया और मेरे दोनों भाई अपना पान पैसा ले कर चले गए । एक साल बाद मेरे दुकान पर मेरा भाई बहुत ही दिवालिया हालत मे मेरे दुकान पर भिक मांगने आया और मैंने उसे पहचान लिया । मैंने उसका गम सुना और उसे 1000 दिनार दे कर उसको व्यापार करने के लिए कह दिया । उसी के बाद मेरा दूसरा भाई भी इसी हालत मे आया और मैंने उसे भी 1000 दिनार दे कर उसे भी व्यापार करने के लिए कहा । कुछ दिनों बाद मेरे दोनों भाई मेरे पास आए और कहा के हम सब को मुल्क से बहार चलना चाहिए और वह से माल बेच कर दूसरा माल महंगे दाम मे यह बेचना चाहिए । मगर मैंने मन किया वो नहीं माने मैंने भी हाँ कह कर चलने के लिए कहा तो मालूम पडा के मेरे दिए गए पैसे भी उन्होंने बर्बाद कर चुके है ।
किन्तु मेरे पास 6000 दिनार थे उसमे से कुछ सफर के लिए रख कर बाकी का हमने माल खरीद लिया । और सफर के लिए चल पड़े एक महीने के सफर के बाद हम एक शहर मे आए और वहाँ अपना माल बेच दिया और वहाँ से अच्छा माल ले कर वापस चलने के लिए तयार हो गए । समंदर के पास आकार हम जहाज मे जाने लगे थे के एक बहुत ही सुंदर महिला मेरे पास आई और मेरे हाथों को चूमने लागि और रोते हुए कहा के मेरा इस दुनिया मे कोई नहीं क्या आप मुझे अपने साथ रख सकते है मैंने उसको देख कर मन मे दया पाई और उससे शादी करली और अपने साथ सफर पर लेलिए।
मेरी पत्नी बहुत अच्छी और बहुत पवित्र थी मुझे उससे बहुत मुहब्बत होगई । मगर मेरे दोनों भाई न जाने क्यूँ उससे जलने लगे एक दिन मौका देख कर दोनों भाइयों ने मुझे और मेरे बीवी को जहाज के बहार समंदर मे फेक दिया मगर मेरी पत्नी बहुत अछि थी उसने मुझे बचा लिया वो हकीकत मे एक पारी थी उसने मुझ से कहा के मैंने तुमसे गरीब का रूप धरण कर के मिली थी और तुम बहुत दयालु और अच्छे हो मगर तुम्हारे भाइयों ने तुम्हारे सत अच्छा नहीं किया मैं उन दोनों को उसकी सजा दूँगी । और तुमने मेरे साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया इस लिए मैंने तुम्हें इनाम देना का इरादा किया है ।
मैंने ये सुन कर कहा के मेरे भाइयों ने बहुत बुरा व्यवहार किया मगर है तो मेरे भाई इसलिए मैं चाहता हूँ के आप उनको सजा न देना बस उनको समझ देना के आगे से ऐसा कुछ नहीं करे तो पारी ने मेरी बात मान ली उसने जरा सी देर मे मुझे मरे घर पोहचादिया और खुद गायब हो गई जब मे घर मे आया तो देखा के 2 कुत्ते जंजीर से बंधे हुए है और मेरे पैर चाट रहे है । इतने मे वो पारी आई और कहा के ये 2 कुत्ते तुम्हारे भाई है जिन्होंने मुझ से और तुमसे बुरा व्यवहार किया था । इसलिए अब ये 10 साल तक कुत्ते बने रहेंगे । मैंने इन्हे ले कर इधर से गुजर रहा था के मुझे सौदागर दिखाई दिया और मैं यही बैठ गया । जिनने सौदागर का एक और हिस्सा खून माफ कर दिया ।
अब एक और शकस सामने आया जिस के साथ एक खच्चर था । वो जिन से कहने लगा के आप ने दोनों की कहानी सुन ली मेरी कहानी भी बहुत दुख भारी है । अगर आप सौदागर का बच हुआ खून माफ करते है तो मैं अपना किस्सा सुनता हूँ । जिन ने मंजूर कर लिया ।
खच्चर वाले का किस्सा जानने के लिए अगले पोस्ट पर जाए >> खच्चर और मुसाफिर की कहानी